एक अंतहीन मुक्तिगाथा...
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शुक्रवार, जुलाई 23, 2010
गर्दिश के दिन
यादों के जंगल में अब जुगनुओं ने भी आना छोड़ दिया है ....
.....काफी दिनों बाद , कल की शाम एक बार फिर
...कोक वोदका के साथ ......
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