मैं जानती हूँ की तुम्हे इच्छा हो रही है ,
मैं जानती हूँ की मुझे भी इच्छा हो रही है ,
किन्तु ,
तुम्हें पता नहीं ,
सिर्फ मुझे पता है की मैं मासिक धर्म की –
रक्त यंत्रणा में हूँ .,,………
.......….भूखी पीढ़ी की कविता
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें